राज्यपाल और कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षा के तहत विश्वविद्यालय युवाओं को नवाचारों से जोड़ते हुए शोध की मौलिक भारतीय दृष्टि से संपन्न करे। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में निहित अद्वितीय क्षमताओं को पहचान कर, उन्हें भविष्य के अवसरों के लिए तैयार करना है। उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्र और समाज के विकास के साथ ही मानवता के कल्याण मे करें।
राज्यपाल श्री मिश्र जोधपुर स्थित एम.बी.एम विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रबंधन करना हमारी प्राथमिकता है। इस पहल के तहत सभी विश्वविद्यालय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समय पर दीक्षांत समारोह आयोजित कर विद्यार्थियों को समय पर उपाधियां प्रदान करें। इससे विद्यार्थी भविष्य में और अधिक ऊर्जा के साथ अपना सर्वस्व देने के लिए तत्पर रहेंगे।
श्री मिश्र ने कहा कि शिक्षण में जो भी प्रौद्योगिकी विकसित करें वह युगानुकूल हो। उसका उपयोग मानव कल्याण के लिए करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी वैदिक भारत के सिद्धांतों को आधार बनाकर ऐसे नवाचार करें जो प्रकृति के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षण संस्थान तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश करें, जिससे विद्यार्थी न केवल भविष्य के लिए अच्छे इन्सान और बेहतर नागरिक बनेंगे, बल्कि सांस्कृतिक रूप में भी और अधिक संपन्न होंगे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति देश को कौशल विकास से जोड़ने के साथ ही मौलिक शोध एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित करने वाली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स) का है, इसका उपयोग मानवता के कल्याण से जुड़े विषयों में हो।
उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे धरती पर जलवायु परिवर्तन अन्य विभिन्न प्रकार के संकटों को सुलझाने में अपना योगदान दें। साथ ही, “नेट ज़ीरो” के लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें, इस पर भी तकनीकी शिक्षा आधारित हो। इसके लिए गैर पारम्परिक ऊर्जा के स्रोतों व नवीन प्रयोगों के लिए शोध एवं अनुसंधान करें। साथ ही, इलेक्ट्रीक व्हीकल, लिथियम बैटरी, ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन, सौर व पवन ऊर्जा, नाभिकीय संवर्धन के निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में नवीन नवाचार हों। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप चक्रवात, सुखा, बाढ़, भूस्खलन जैसे संकटों में अभियांत्रिकी के उपयोग से आपदाओं के समुचित प्रबंधन में संवाहक बनें।
श्री मिश्र ने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षा का लक्ष्य भारत विश्व में उत्पादन की दृष्टि से महाशक्ति के रूप में उभरे। साथ ही, तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत मेक इन इण्डिया, स्टेन्डअप इण्डिया, स्टार्टअप इण्डिया इत्यादि के तहत भारत उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के नये कीर्तिमान स्थापित करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यरत “इन्क्यूबेशन एवं स्टार्टअप प्रकोष्ठ” इस दिशा में कार्य करें। श्री मिश्र ने कहा कि यह विश्वविद्यालय देश के चुनिन्दा विश्वविद्यालय की सूची में शामिल हैं, जहां पेट्रोलियम में स्नातक पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुआ है। यह अच्छी पहल है। इससे पेट्रोलियम रिफाईनरी में भी युवाओं को अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में केन्द्र सरकार की परियोजना के सामरिक दृष्टि के महत्व के तहत 5जी स्पेक्ट्रम प्रयोगशाला प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने कहा कि 5जी से सम्बंधित नये नवाचारों, डिजिटल क्रांति में 5जी के प्रयोगों का लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा। साथ ही, विश्वविद्यालय में गैर पारम्परिक ऊर्जा के स्त्रोतों के अध्ययन के लिए ‘‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस‘‘ की स्थापना की गई, ताकि परम्परागत पाठ्यक्रमों के साथ-साथ तकनीकी क्षेत्र में होने वाले नये पाठ्यक्रमों से भी विद्यार्थी जुड़ सकेगें। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा लूणी तहसील के डोली गांव को गोद लेकर उसके विकास के लिए किए गए कार्य को अनुकरणीय बताया।
समारोह में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कुल 19 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए। जिसमें 13 गोल्ड मेडल यूजी के विद्यार्थियों को, 4 गोल्ड मेडल पीजी के विद्यार्थियों को एवं 2 गोल्ड मेडल एमसीए के विद्यार्थियों को प्रदान किए गए। साथ वर्ष 2022 एवं 2023 में उत्तीर्ण कुल 680 विद्यार्थियों को स्नातक में उपाधियां प्रदान की गई। इसी प्रकार कुल 167 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर में, 28 विद्यार्थियों को बी आर्किटेक्चर में, 52 विद्यार्थियों को एमसीए में एवं 11 विद्यार्थियों को पी.एच.डी की उपाधि प्रदान की गई।
दीक्षांत समारोह में एम.बी.एम. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजय कुमार शर्मा ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने आरंभ में सभी को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।
संविधान स्तम्भ का किया लोकार्पण
राज्यपाल और कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के नए परिसर में स्थित नवनिर्मित संविधान स्तम्भ का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि संविधान हमारी उदात्त जीवन परम्पराओं का संवाहक है। साथ ही, उन्होंने ने युवाओं से आह्वान किया कि भारत के नव-निर्माण में आपको महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, इसलिए संविधान में प्रदत्त मूल कर्तव्यों को आचरण में लाकर आगे बढ़ें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएल श्रीवास्तव, कुलसचिव ओपी जैन, वित्त नियंत्रक, सिंडीकेट व सीनेट सदस्य, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेशक, अधिकारी सहित कर्मचारीण उपस्थित रहे।
——