उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को राज्यपाल श्री कलराज मिश्र के साथ राजभवन में निर्मित देश के पहले संविधान उद्यान को देख उसकी मुग्धमन से सराहना की।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने संविधान उद्यान में संविधान की विभिन्न धाराओं और मूल प्रति पर उकेरे गए चित्रों के मूर्तिशिल्प को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि संविधान को इस तरह प्रत्यक्ष कला रूपों में देखना सर्वथा नया अनुभव है। उन्होंने संविधान उद्यान में संविधान निर्मित होने के बाद उसकी हस्ताक्षरित प्रति डॉ. अंबेडकर द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद को सौंपने, संविधान निर्माण के विभिन्न चरणों और मूल संविधान की प्रति पर उकेरे गए नंदलाल बोस और साथी कलाकारों के भारतीय संस्कृति से जुड़े शिल्प आदि को जीवंत बताते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने प्रथम संविधान सभा, स्वाधीनता सेनानियों और आजादी में महिलाओं की रही भूमिका की कलाकृतियों को भी बारीकी से देखा और उनके कलात्मक पक्ष को सराहा।
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने बताया कि संविधान उद्यान का निर्माण इसीलिए किया गया है कि आम जन संविधान से जुड़ी हमारी संस्कृति को कलात्मक शिल्प के जरिए प्रत्यक्ष अनुभव कर सके। उन्होंने इस दौरान संविधान उद्देशिका और मूल कर्तव्यों से जुड़ा प्रतीक चिन्ह भी श्रीमती आनंदीबेन पटेल को भेंट किया।
राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविंदराम जायसवाल ने राज्यपाल श्रीमती पटेल को संविधान उद्यान के निर्माण और इसमें प्रदर्शित मूर्तिशिल्प, निर्मित मॉडल्स निर्माण के बारे में जानकारी दी।