राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि नई शिक्षा नीति में बहुविषयक शिक्षा में STEM के अन्तर्गत विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग एवं गणित का समावेश किया गया है। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि इसमे कृषि और कम्प्यूटर को स्थान देकर STEAM-C (Science, Technology, Engineering, Agriculture, Maths, Computer) के रूप में परिवर्तन करने से उच्च शिक्षा ओर रोजगारपरक बनेगी। श्री मिश्र ने कहा कि अगर राज्य, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन सफल तरीके से कर पाते हैं तो यह नई शिक्षा प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आयेगी तथा वर्तमान की चुनौतियों को अवसर में बदल कर भविष्य की आशंकाओं की पूर्ति करने में सक्षम हो सकेगी। राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान में सभी स्तरों पर नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में योजना बना कर अतिशीघ्रता से केन्द्र द्वारा प्रदत्त दिषा निर्देशों के अनुरूप कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है एवं राजभवन स्तर पर इस दिषा में एक टास्क फोर्स का गठन कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
राज्यपाल श्री मिश्र सोमवार को यहां राजभवन से वीडियों काॅन्फ्रेन्स द्वारा उच्च शिक्षा के बदलाव में नई शिक्षा नीति 2020 की भूमिका पर आयोजित राज्यपाल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन को भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संबोधित किया।
राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सहपाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के साथ-साथ व्यावसायिक एवं गैर व्यावसायिक विषयों की अनुमति देने वाली लचीली पद्धति ‘‘ड्राॅपआउट‘‘ कम कर सकती है। नीति की सबसे बड़ी ताकत इसकी बहु-अनुशासनात्मक और विद्यालय के स्तर पर छात्रों द्वारा अपनी पसन्द के आधार पर विषय चुन पाना है, इससे सिस्टम के भीतर छात्रों के लिए कई प्रवेश बिंदु और विकास बिंदु खुल गये हैं जो इस नीति को स्वागत योग्य बनाते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि नीति के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार व विश्वविद्यालयों द्वारा Preparatory Steps को केन्द्र सरकार की ओर से समयबद्ध एवं वरीयता के क्रम में स्पष्ट रूप से परिभाषित करने पर नीति को लागू करने मे एकरूपता रहेगी तथा अन्य किसी प्रकार की कोई भ्रम की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर नीति समग्रता एवं अधिक प्रभावशाली रूप से लागू की जा सकेगी।
राज्यपाल ने कहा कि जहाँ एक और यह शिक्षा नीति न्यूनतम कक्षा पांच तक मातृभाषा व स्थानीय भाषा में शिक्षा देने पर जोर देती है, वहीं दूसरी ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से संप्राप्ति स्तर को बढ़ाये जाने पर भी केन्द्रित है। परख (PARAKH) (समग्र विकास के लिए प्रदर्षन, आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विष्लेषण) की स्थापना से बच्चों के सीखने तथा उनके मूल्यांकन में विविधता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स, सवंर्धित रियलिटी, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग इस आशय से किया जायेगा कि बच्चों तक पाठ्यक्रम का अधिकतम सीमा तक हस्तान्तरण हो सके। उच्च शिक्षण संस्थानों में सकल नामांकन अनुपात को 50 प्रतिश त तथा कई स्तरों पर प्रवेश एवं छोड़ने की व्यवस्था के साथ-साथ उच्च शिक्षा क्षा आयोग का गठन व कई अन्य क्रान्तिकारी परिवर्तन उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनायेंगे।
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